भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं। – a retelling from the Ramayana during the Devanagari vernacular is regarded as considered one of his ideal work. A lot https://thomase961fdc6.blogdun.com/profile