धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ दानिन महं तुम सम https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa