जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्॥ १९ ॥ धूप दीप कर्पूर की बाती। प्रेम-सहित तब करै आरती।। रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा मम॥ ५ ॥ जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा इनकी आराधना करने से तमाम बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। बगलामुखी देवी का चालीसा पाठ करने से https://vashikarantotke66666.fare-blog.com/30765204/top-guidelines-of-baglamukhi